ISRO की उड़ान तैयारियों में छलांग: CE20 इंजन बूट-स्ट्रैप स्टार्ट में कामयाब

परिचय

भारत के प्रमुख अंतरिक्ष संगठन ISRO ने अपनी क्रायोजेनिक इंजन विकास यात्रा में एक नया मील का पत्थर हासिल कर लिया है। स्वदेशी इंजन CE20 Cryogenic Engine के लिए हाल-फिलहाल में बूट-स्ट्रैप मोड स्टार्ट परीक्षण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ है। इस परीक्षण से यह संकेत मिलता है कि इंजन केवल एक बार नहीं बल्कि कई बार स्टार्ट/रीस्टार्ट कर सकेगा — जो भविष्य के मानवयुक्त मिशनों या जटिल अंतरिक्ष उड़ानों के लिए आवश्यक है।

CE20 इंजन क्या है?

CE20 एक क्रायोजेनिक इंजन है, जिसे Liquid Propulsion Systems Centre (LPSC) द्वारा विकसित किया गया है। इसे मुख्य रूप से LVM3 (पहले GSLV Mk III) रॉकेट के क्रायोजेनिक अपर स्टेज (Cryogenic Upper Stage) के लिए बनाया गया है। यह इंजन द्रवीकृत हाइड्रोजन (LH₂) तथा द्रवीकृत ऑक्सीजन (LOX) को प्रणोदक के रूप में उपयोग करता है, जो उच्च विशेष प्रेरणा (specific impulse) और कम वजन-प्रेरणा अनुपात के लाभ देता है।

isaraisro_8da78349d93a4da7bb0f7cb39c83ab7c

बूट-स्ट्रैप मोड स्टार्ट क्या है?

परंपरागत क्रायोजेनिक इंजन स्टार्ट प्रणाली में अक्सर एक स्टार्ट-गेस या स्टार्ट सिस्टम का उपयोग होता है, जो टर्बो-पंप को प्रारंभ करता है। लेकिन बूट-स्ट्रैप मोड में इंजन की टैंक-प्रेशर और इंजन का अपना प्रवाह व्यवस्था टर्बो-पंप को स्टार्ट करती है — यानी इंजन को अतिरिक्त स्टार्ट गेस की जरूरत नहीं होती। यह तरीका सरल है, विश्वसनीय है, और पुनरारंभ क्षमता (restart capability) के लिए उपयुक्त है।

परीक्षण की विशेषताएँ

  • यह परीक्षण ISRO Propulsion Complex, Mahendragiri (IPRC, महेन्द्रगिरी) में हुआ।

  • परीक्षण में इंजन को वैक्यूम स्थितियों में तथा पृथ्वी-सतह पर विभिन्न शर्तों के अंतर्गत चलाया गया।

  • इसके पहले CE20 इंजन ने 25 सेकेंड की फ्लाइट-स्वीकृति टेस्टिंग पहले की थी। अब नया परीक्षण 100 सेकेंड या उससे अधिक के लिए सफलतापूर्वक किया गया है।

  • ISRO ने बताया कि इंजन ने सभी प्रदर्शन लक्ष्यों को पूरा किया और माप-पैरामीटर पूर्वानुमान के अनुरूप रहे। ISRO

क्यों यह परीक्षण महत्वपूर्ण है?

  1. मानवयुक्त मिशनों के लिए तैयारी: जैसे कि भारतीय मानव अंतरिक्ष मिशन Gaganyaan के लिए क्रायोजेनिक इंजन की पुनरारंभ क्षमता महत्वपूर्ण होगी।

  2. बहु-स्टार्ट क्षमता: एक रॉकेट का ऊपरी स्टेज कई बार इंजन गुना/रीइग्निशन कर सके — उपग्रहों को अलग-अलग कक्षाओं में लगाने या अंतरिक्ष यान को मैन्यूपुलेट करने में मदद मिलेगी।

  3. स्वदेशी प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता: क्रायोजेनिक तकनीक कई दशकों से अंतरराष्ट्रीय तकनीकी प्रतिबंधों के कारण कठिन मानी जाती थी। ISRO ने इसे अकेले विकसित कर आगे बढ़ाया।

  4. किफायती और तेज परीक्षण-प्रक्रिया: इस नए परीक्षण पद्धति ने सेट-अप समय और श्रम को कम किया है, जिससे इंजन की फ्लाइट-स्वीकृति जल्दी हो सकती है।

आगे क्या होगा?

CE20 इंजन को अब अगले अभियान, जैसे LVM3-M6 या मानवयुक्त मिशन के लिए तैयार किया जा रहा है। जैसे ही यह इंजन उपयुक्त स्टेज में इंटीग्रेट होगा, भारत की पेलोड क्षमता, अंतरिक्ष कार्य-क्षमता और मिशन विविधता में वृद्धि होगी।

इस सफलता ने ISRO की क्षमता और आत्मविश्वास दोनों को बढ़ाया है। CE20 इंजन में बूट-स्ट्रैप मोड स्टार्ट की सफलता केवल एक तकनीकी मील का पत्थर नहीं, बल्कि भविष्य में भारत के अंतरिक्ष अभियानों के लिए एक नींव है। यह हमें दिखाती है कि भारत अब ऐसे वैश्विक प्रतिस्पर्धियों की कतार में है जिनके पास बहु-स्टार्ट क्रायोजेनिक इंजन तकनीक है।

ISROCE20 क्रायोजेनिक इंजनबूट-स्ट्रैप मोडक्रायोजेनिक तकनीक भारतLVM3 अगला मिशनISRO इंजन परीक्षणMahendragiri IPRCCryogenic Engine CE20 restart test
Kuldeep Pandey
Kuldeep Pandey
Content Writer & News Reporter

I’m a passionate writer who loves exploring ideas, sharing stories, and connecting with readers through meaningful content.I’m dedicated to sharing insights and stories that make readers think, feel, and discover something new.