वैष्णो देवी यात्रा बाधित: अर्धकुमारी गुफा के पास भूस्खलन, 271 सीढ़ियाँ बह गईं; कई श्रद्धालु घायल

भूस्खलन से यात्रा मार्ग बुरी तरह प्रभावित

माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर मंगलवार को अर्धकुमारी गुफा के पास अचानक भूस्खलन हो गया। इस दौरान पानी के तेज़ बहाव और मलबे के कारण 271 सीढ़ियाँ बह गईं, जिससे श्रद्धालुओं का आगे बढ़ना असंभव हो गया। यह मार्ग यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा है और सीढ़ियों के टूटने से हजारों यात्रियों को बीच रास्ते रुकना पड़ा।

भूस्खलन की खबर फैलते ही मौके पर अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बलों ने तुरंत राहत-बचाव अभियान शुरू किया। घायलों को नज़दीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और गंभीर रूप से घायल लोगों को जम्मू व कटरा के बड़े अस्पतालों में रेफर किया गया है।


श्रद्धालुओं में दहशत और यात्रा का अस्थायी रोक

भूस्खलन से यात्रा मार्ग टूटने के बाद श्रद्धालुओं में भय और असुरक्षा की भावना घर कर गई है। कई यात्री परिवार समेत दर्शन के लिए निकले थे, लेकिन हादसे के बाद उन्हें बीच रास्ते ही रुकना पड़ा।

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने स्थिति को गंभीर देखते हुए यात्रा को फिलहाल अस्थायी रूप से रोक दिया है। मौसम विभाग ने जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में रेड अलर्ट जारी किया है और अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की संभावना जताई है।


रेलवे और यातायात सेवाएँ भी प्रभावित

भूस्खलन का असर केवल यात्रा मार्ग तक ही सीमित नहीं रहा। रेलवे विभाग ने सुरक्षा कारणों से 18 ट्रेनों को रद्द कर दिया है, वहीं कई अन्य गाड़ियों को रास्ते में ही रोक दिया गया।

कटरा और जम्मू के बीच सड़क मार्ग पर भी जगह-जगह पानी भरने और मलबा आने की वजह से यातायात प्रभावित हुआ है। इससे न केवल यात्रियों की बल्कि स्थानीय निवासियों की आवागमन व्यवस्था पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गई है।


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प्रशासन और बचाव दल की चुनौती

प्रशासन ने तुरंत राहत-बचाव दलों को सक्रिय किया। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस बल मौके पर जुटे हैं। भारी बारिश और लगातार गिरते पत्थरों की वजह से राहत कार्य में कठिनाई आ रही है।

फंसे हुए श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने की कोशिशें की जा रही हैं। घायलों के इलाज के लिए अतिरिक्त मेडिकल टीमों को कटरा और रैसी जिले में तैनात किया गया है। श्राइन बोर्ड की ओर से यात्रियों को अपील की गई है कि वे मौसम की स्थिति सामान्य होने तक यात्रा पर न निकलें।


भविष्य की सुरक्षा और प्रशासनिक कदम

यह हादसा एक बार फिर सवाल खड़ा करता है कि बढ़ते भूस्खलन और जलवायु परिवर्तन के दौर में यात्रा मार्गों को कितना सुरक्षित बनाया गया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि पर्वतीय मार्गों पर सुरक्षा इंतज़ाम को और मज़बूत करने की ज़रूरत है। भूस्खलन-रोधी अवसंरचना, सीसीटीवी निगरानी, और रियल-टाइम मौसम अलर्ट सिस्टम को और बेहतर किया जाना चाहिए।

श्राइन बोर्ड ने आश्वासन दिया है कि जैसे ही मौसम सामान्य होगा और मार्ग को सुरक्षित बना लिया जाएगा, यात्रा दोबारा शुरू की जाएगी। लेकिन अभी यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है।

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Kuldeep Pandey
Kuldeep Pandey
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