सेहत के लिए खतरनाक है समोसा और जलेबी, Health Ministry ने जारी की एडवाइजरी, जानिए क्या कहा

समोसा-जलेबी जैसी जंक फूड्स: स्वास्थ्य मंत्रालय की चेतावनी और कारण

भारत में समोसा और जलेबी जैसे स्वादिष्ट जानलेवा स्नैक्स अब सिर्फ स्वाद ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए चेतावनी भी बन चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में एक एडवाइजरी जारी की है जो इन लोकप्रिय स्नैक्स के पीछे छिपे ट्रांस फैट और ज्यादा शुगर की ओर लोगों को जारी करना चाहती है। यह कदम सिर्फ एक सूचना पहल है, पर इसके दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं—विशेषकर भारतीय शहरों में बढ़ते मोटापे, मधुमेह और हृदय रोग को देखते हुए।
इस लेख में हम विस्तार से देखेंगे कि क्यों समोसा-जलेबी और अन्य स्ट्रीट फूड्स स्वास्थ्य के मामले में खतरनाक हैं, मंत्रालय की एडवाइजरी क्या कहती है, विशेषज्ञ क्या सुझाव देते हैं, और घर पर कैसे स्वस्थ विकल्प अपनाए जा सकते हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी: सिर्फ सूचना, नहीं पाबंदी

स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि समोसा-जलेबी पर किसी प्रकार का कानूनी प्रतिबंध नहीं लगाया जा रहा। इसके बजाय केंद्र की एडवाइजरी के तहत सार्वजनिक जगहों, कार्यालय, AIIMS जैसा बड़े अस्पताल आदि में “Oil & Sugar Boards” लगाई जाएंगी, जिनमें कैलोरी, फैट और शुगर की मात्रा दिखाई जाएगी।
नागपुर, AIIMS और अन्य सरकारी संस्थानों में इस तरह के बोर्ड पहले ही लगाए जा रहे हैं

मंत्रालय ने PIB के माध्यम से अफवाहों का खंडन करते हुए बताया कि यह एक गैर-दंडात्मक, जागरूकता बढ़ाने वाला कदम है ।इस पहल का उद्देश्य जनता में सचेतना लाना है—ताकि लोग High-fat / sugar वाले स्नैक्स लेने से पहले सोच सकें और अपनी डाइट को नियंत्रित कर सकें.

समोसा और जलेबी: क्यों हैं स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह?

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ट्रांस फैट और रिफाइंड कार्ब्स

समोसा में प्रयोग होने वाला तेल, अक्सर रिव्यूस या हाइड्रोजनेटेड होता है, जिसमें ट्रांस फैट उच्च मात्रा में होती है। यह bad LDL कॉलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और good HDL को घटाता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ता है ।
जलेबी शक्कर और रिफाइंड मैदा से बनी होती है, जिससे ब्लड शुगर तेजी से बढ़ता है, जिससे इंसुलिन रेसिस्टेंस और डायबिटीज की आशंका बढ़ जाती है Navbharat Times

मोटापा, फैटी लिवर और सूजन

अतिरिक्त कैलोरी और ट्रांस फैट शरीर में visceral fat जमा करते हैं, जिससे मोटापा, फैटी लिवर और इन्फ्लेमेशन की समस्याएँ बढ़ सकती हैं ।

शुगर के दुष्प्रभाव

जलेबी जैसे हाई-शुगर आइटम्स पुल्स को तेज बढ़ाते हैं, जिससे mood swings, थकान, memory loss और hormonal imbalance जैसी समस्या होती है ।

स्ट्रेटराइट रिस्क्स

हाई फैट और शुगर की नियमित खपत मोटापा, टाइप-2 डायबिटीज, हृदय रोग और फेफड़ों की बीमारियों का कारण बन सकती है ।क्यों बयान यह कदम है: वैज्ञानिक और स्वास्थ्य कारण

सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट

भारत में 2050 तक 4.5 करोड़ व्यक्ति मोटापा और ओबेसिटी की चपेट में आ सकते हैं। यह मोटापा, डायबिटीज, कॉलेस्ट्रॉल, हृदय विकार और कैंसर जैसी बीमारियों को जन्म देता है ।

WHO और ICMR की भूमिका

World Health Organization (WHO) ने Trans fat और Ultra Processed Foods को तंबाकू जितना खतरनाक माना है। ICMR/NIN ने भी इन फूड्स को public health risk के रूप में परिभाषित किया है

“Behavioural Nudge” का संकल्प

Oil & Sugar बोर्ड सारांश सूचनाएं प्रदान करके लोगों को सही विकल्प चुनने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं।
इस कदम का उद्देश्य लोगों की सोच को बदलना है—कि यह कदम पाबंदी नहीं, बल्कि जानकारी-आधारित निर्णय लेने की पहल है ।

विशेषज्ञों की राय व बहस

समर्थक अभिमत

  • Dr. Rajiv Kovil और Dr. Amar Amale जैसे कार्डियोलॉजिस्ट और डायबिटोलॉजिस्ट इस पहल का समर्थन करते हैं, क्योंकि इससे लोग मोटापे, डायबिटीज और हृदय रोग से बच सकते हैं Navbharat Times+2The Independent+2The Times of India+2

  • NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शित हानि-क्षेत्र जान लेने वाली बीमारियों को रोकने में सहायक होंगे ।

विरोधी धारणाएँ

  • लोकप्रिय न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर ने प्रश्न उठाए कि क्यों पारंपरिक स्नैक्स को निशाना बनाया गया जबकि कोल्ड ड्रिंक्स और पैकेज्ड फूड्स को छोड़ दिया गया ।

  • यह भी कहा जा रहा है कि कदम सांस्कृतिक भावनाओं को ठेस पहुँचा सकता है।

सड़क के जंक फूड्स: स्वच्छता और बीमारी का जोखिम

स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी सिर्फ समोसा-जलेबी पर ही नहीं, बल्कि अन्य स्ट्रीट फूड्स पर भी लागू होती है।
बारिश के मौसम में, राजनांदगांव जैसे शहरों में unhygienic stall्स से फूडबॉर्न बीमारियाँ फैलती हैं—डायरिया, टाइफाइड, हैजा, गैस्ट्रोएन्टेराइटिस आदि

स्वस्थ विकल्प: घर पर बनाए स्वादिष्ट और पौष्टिक स्नैक्स

  1. ओवन-बेक्ड समोसे: मैदा की बजाए होल व्हीट आटा, कम तेल, भुने आलू और हरी सब्ज़ियों से बने समोसे।

  2. गुलाब जामुन-फ्री स्वीट्स: गुड़ और सूखे फलों से तैयार हेल्दी लड्डू।

  3. फ्रूट सलाद + दही: बिना शुगर वाले ताज़गी भरे गर्मियों में ठंडक दें।

  4. हेल्दी स्ट्रीट फूड: चाट की जगह sprouts-chat, बीन्स-सलाद जैसे विकल्प बेहतर हैं।

  5. हाइड्रेशन पर ध्यान: जूस की जगह निब्बल्ड नारियल पानी या detox water लें।

इसी तरह, मिनिमल थर्मल प्रोसेसिंग आकgez healthier alternative है जुनकि street food consumption की आदतों को सुधार सकता है।

सूचना—पहला कदम, स्वस्थ जीवन लक्ष्य

स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइज़री सिर्फ एक संकेत है—लेकिन इसके पीछे आप और हम जैसे आम नागरिकों की जागरूकता का जिम्मा भी है।
समोसा और जलेबी जैसे पारंपरिक स्नैक्स को पूरी तरह छोड़ना संभव नहीं, लेकिन जैसे cigaretts पर warning है, वैसे oil/sugar boards कम से कम सोच को बदल सकते हैं।
स्वाद और स्वास्थ्य को साथ लेकर चलना हो, तो इन सुझावों को अपनाएँ:

  • मोडरेशन: इन स्नैक्स को सिर्फ अवसर पर लें—not daily।

  • स्वस्थ विकल्प: oven-baked, low-oil/sugar alternatives अपनाएँ।

  • सड़क का खाना: साफ सुथरी जगह से और गर्म बनवाएँ।

  • नियमित गतिविधि: वॉक, योग या एक्सरसाइज से कैलोरी बैलेंस बनाए रखें।

स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर हम समोसा-जलेबी का स्वाद भी ले सकते हैं और बीमारियों को भी टाल सकते हैं।

YE TO DEKHNA HI PADEGA - स्वस्थ और फिट रहें: आसान डाइट टिप्स और स्वादिष्ट हेल्दी रेसिपीज़

Saumya Tiwari
Saumya Tiwari
Content Writer & News Reporter

I’m a passionate writer who loves exploring ideas, sharing stories, and connecting with readers through meaningful content.I’m dedicated to sharing insights and stories that make readers think, feel, and discover something new.