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अरुणाचल प्रदेश ने 15 अगस्त 2025 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री पेमा खांडू द्वारा “ग्रीन एनर्जी पावरहाउस 2047” मिशन का संकल्प लिया। इस मिशन का उद्देश्य राज्य को अगले दो दशकों में भारत के हरित ऊर्जा केंद्र के रूप में उभारना है। खासकर जलविद्युत परियोजनाओं व नवीकरणीय संसाधनों के क्रांतिकारी विकास से राज्य आर्थिक, सामाजिक व पर्यावरणीय बदलाव के रास्ते पर अग्रसर हो चुका है
जलविद्युत दशक की घोषणा
मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने अगले दस वर्षों को ‘जलविद्युत दशक’ घोषित किया है। तीन वर्षों में दो लाख करोड़ रुपये की जलविद्युत परियोजनाओं की शुरुआत से उर्जा क्षमता में भारी वृद्धि की अपेक्षा है। राज्य में बड़ी जलविद्युत क्षमता होने के बावजूद उसका दोहन अभी कम हुआ है।
मुख्य परियोजनाएँ व समयसीमा
- सुभांसिरी लोअर परियोजना मई 2026 तक पूरी होगी।
- दिबांग मल्टीपरपज़ प्रोजेक्ट फरवरी 2032 तक पूरा होगा।
- तातो-II हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के लिए भारी निवेश हुआ है, जो स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन करेगा।
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आर्थिक प्रभाव और राजस्व
- परियोजनाओं से राज्य को लाखों करोड़ रुपए मुफ्त बिजली व स्थानीय क्षेत्र विकास के लिए आवंटित राशि मिलेगी।
- अनुमानित रूप से बड़ी मात्रा में लाभांश और बिजली बिक्री से राजस्व प्राप्त होगा।
- निर्माण कार्यों में सीमेंट, स्टील व अन्य सामग्रियों की मांग से क्षेत्रीय उद्योग को वृद्धि मिलेगी।
- राज्य ने बेहतर कार्बन क्रेडिट प्राप्त किए हैं, जो पर्यावरणीय संरक्षण को भी दर्शाते है
रोजगार, सामाजिक व स्थानीय लाभ
- परियोजनाओं से हजारों सीधे और अप्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न होंगे।
- बिजली, सड़कों, अस्पतालों, स्कूलों और बाज़ार जैसी बुनियादी सुविधाओं का विकास होगा।
- स्थानीय लोगों को मुआवजा और सहभागिता के माध्यम से सामाजिक लाभ प्राप्त होंगे।
केंद्र सरकार का समर्थन
- तातो-II परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने भारी आर्थिक सहायता प्रदान की है।
- राज्य और केंद्र मिलकर इस परियोजना को सफल बनाने के लिए कार्यरत्त हैं।
सामुदायिक संवाद एवं पर्यावरणीय चिंताएँ
- सियांग अप्पर परियोजना को लेकर स्थानीय समुदाय की चिंताओं पर सरकार संवाद कर रही है।
- पर्यावरणीय प्रभावों का गहन मूल्यांकन किया जा रहा है ताकि जैव विविधता व प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण सुनिश्चित हो सके।
- सरकार ने पर्यावरण संरक्षण व सामाजिक समरसता को प्राथमिकता दी है।
ऊर्जा विजन 2047
- राज्य ने दीर्घकालिक ऊर्जा योजनाओं को तैयार किया है, जिसमें अगले वर्षों के लिए लक्ष्य निश्चित किए गए हैं।
- खनिज संसाधनों का उपयोग करके सौर उर्जा, बैटरियों और इलेक्ट्रिक वाहन इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा दिया जाएगा।
- नवीकरणीय ऊर्जा राज्य की मुख्य शक्ति बन जाएगी।
चुनौतियाँ और आलोचनाएँ
- परियोजनाओं से जुड़ी पर्यावरणीय क्षति, विस्थापन और अन्य सामाजिक मुद्दे अभी भी चिंता के विषय हैं।
- लागत, तकनीकी जटिलता, समुदाय की सहमति और पारदर्शी पर्यावरणीय आकलन को लेकर चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
- सरकार और विशेषज्ञ इन मुद्दों को सुलझाने के प्रयास में हैं।
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