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ड्रोन की बढ़ती गतिविधियों पर पुलिस की नजर
अमेठी जिले में हाल के दिनों में ड्रोन गतिविधियों में इजाफा देखा गया है। कई बार ड्रोन का इस्तेमाल शादी-ब्याह, धार्मिक आयोजनों और फोटोग्राफी के लिए किया जाता है, लेकिन पुलिस को आशंका है कि ड्रोन का इस्तेमाल गलत मकसद से भी किया जा सकता है। यही कारण है कि अब पुलिस हर संचालक का पूरा रिकॉर्ड खंगाल रही है। इसमें ड्रोन की खरीद, उसका लाइसेंस और इस्तेमाल का उद्देश्य शामिल है।
मुसाफिरखाना के पलिया चंदापुर और मठा भुसंडा गांव में चोरी की घटनाओं के बाद अलग-अलग इलाकों में ड्रोन उड़ने की चर्चा तेज हो गई। कहा जा रहा है कि चोर ड्रोन से गांव में रेकी कर रहे हैं। इसी कारण अनहोनी की आशंका में ग्रामीण रतजगा कर रहे हैं। पुलिस टीम भी गांव-गांव जाकर अपील कर रही कि चर्चाओं पर ध्यान न दें।
सुरक्षा कारणों से बढ़ाई गई सख्ती
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जिले की सुरक्षा सर्वोपरि है। ऐसे में अगर कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति ड्रोन उड़ा रहा है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। खासकर उन इलाकों में जहां सरकारी इमारतें, संवेदनशील स्थल और भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र आते हैं, वहां पुलिस और सतर्क हो गई है। इस सख्ती के पीछे हाल के समय में ड्रोन से जुड़ी घटनाओं को भी कारण बताया जा रहा है।

संचालकों को दस्तावेज दिखाने होंगे
जिले में मौजूद सभी ड्रोन संचालकों को अब पुलिस के सामने अपने दस्तावेज पेश करने होंगे। इसमें ड्रोन की खरीद की रसीद, ड्रोन का पंजीकरण और संचालन की अनुमति से जुड़ी जानकारी शामिल है। पुलिस का कहना है कि इस प्रक्रिया से यह पता लगाया जाएगा कि कौन से ड्रोन कानूनी तरीके से चलाए जा रहे हैं और कौन से अवैध रूप से। अगर कोई संचालक दस्तावेज नहीं दिखा पाता है तो उसका ड्रोन जब्त किया जा सकता है।
आम जनता को भी किया गया सतर्क
पुलिस ने आम नागरिकों से भी अपील की है कि अगर उन्हें कहीं भी संदिग्ध ड्रोन उड़ता दिखाई दे तो इसकी जानकारी तुरंत पुलिस को दें। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लोगों को इसके लिए जागरूक किया जा रहा है। कई जगहों पर चौपाल बैठकों के जरिए लोगों को बताया जा रहा है कि ड्रोन का गलत इस्तेमाल किसी बड़ी घटना को जन्म दे सकता है।
भविष्य के लिए प्रशासन की योजना
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, आने वाले समय में ड्रोन संचालन के लिए एक केंद्रीकृत रिकॉर्ड सिस्टम बनाया जा सकता है। इसमें जिले में मौजूद सभी ड्रोन संचालकों की जानकारी डिजिटल रूप में दर्ज की जाएगी। इससे पुलिस को किसी भी समय जांच करने में आसानी होगी और अवैध गतिविधियों पर रोक लग सकेगी।
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