यूपी सरकार का बड़ा ऐलान: छात्रों को मिलेगा ₹6000 यात्रा भत्ता

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने छात्रों के हित में एक नई और स्वागतयोग्य योजना शुरू की है। इसके तहत राज्य के योग्य छात्रों को पढ़ाई, इंटरव्यू या प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने के लिए ₹6000 तक का यात्रा भत्ता मिलेगा। यह पहल उन छात्रों के लिए राहत लेकर आई है जो आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग से आते हैं और सफर का खर्च वहन करना उनके लिए कठिन होता है।

सरकार ने इस योजना को ‘छात्र यात्रा प्रोत्साहन योजना’ (Student Travel Assistance Scheme) का नाम दिया है। इसका उद्देश्य युवाओं को करियर संबंधी अवसरों तक पहुंच में मदद करना है, ताकि प्रतिभा केवल आर्थिक अड़चनों की वजह से पीछे न रह जाए।

पात्रता और आवश्यक शर्तें क्या हैं?

इस यात्रा भत्ता योजना का लाभ पाने के लिए कुछ पात्रता शर्तें निर्धारित की गई हैं:

  1. राज्य के निवासी होना जरूरी – आवेदन करने वाला छात्र उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए।

  2. सरकारी या मान्यता प्राप्त संस्थान में अध्ययनरत – छात्र किसी मान्यता प्राप्त स्कूल, कॉलेज या यूनिवर्सिटी में पढ़ रहा हो।

  3. SC/ST, ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को प्राथमिकता – इस योजना में सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के छात्रों को विशेष प्राथमिकता दी गई है।

  4. पढ़ाई, प्रतियोगी परीक्षा, ट्रेनिंग या इंटरव्यू का प्रमाण अनिवार्य – छात्र को प्रमाण देना होगा कि वह यात्रा किसी शैक्षिक या व्यावसायिक उद्देश्य से कर रहा है।

यदि छात्र इन शर्तों को पूरा करता है तो वह ₹6000 तक की राशि यात्रा भत्ते के रूप में प्राप्त कर सकता है।

आवेदन प्रक्रिया: कैसे मिलेगा ₹6000 का भत्ता?

सरकार ने इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी रखा है। इच्छुक छात्र राज्य सरकार के शिक्षा पोर्टल या समाज कल्याण विभाग की वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं।

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज़:

  • आधार कार्ड

  • निवास प्रमाण पत्र

  • शैक्षणिक संस्थान का प्रमाण पत्र

  • यात्रा का उद्देश्य (परीक्षा/इंटरव्यू/कोचिंग आदि)

  • बैंक खाता विवरण

  • पासपोर्ट साइज फोटो

एक बार आवेदन जमा हो जाने के बाद, अधिकारी दस्तावेज़ों की जांच करेंगे और पात्रता तय की जाएगी। सफल आवेदकों को ₹6000 तक की राशि सीधे उनके बैंक खाते में भेज दी जाएगी।

इस योजना के लाभ क्या हैं?

यात्रा भत्ता योजना का उद्देश्य केवल आर्थिक सहायता देना नहीं है, बल्कि युवाओं को आत्मनिर्भर और प्रगतिशील बनाना है। कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:

  • आर्थिक बोझ में कमी – गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को राहत मिलेगी।

  • पढ़ाई और करियर पर ध्यान – छात्र ट्रैवल खर्च की चिंता छोड़कर पढ़ाई पर फोकस कर सकेंगे।

  • शिक्षा में समावेशिता – सभी वर्गों के छात्रों को समान अवसर मिलेगा।

  • युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम – छात्र खुद के लिए संभावनाओं की तलाश कर सकेंगे।

इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे शहरों के छात्र भी अब बड़े शहरों में जाकर परीक्षा या ट्रेनिंग का लाभ उठा सकेंगे, जो अब तक सफर की लागत के कारण संभव नहीं हो पाता था।

योजना के पीछे सरकार का उद्देश्य

उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में छात्रवृत्तियों और कौशल विकास योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया है। ₹6000 यात्रा भत्ता योजना भी इसी कड़ी का हिस्सा है। सरकार का मानना है कि हर युवा को शिक्षा और करियर के अवसरों तक पहुंच का हक है, भले ही उसकी आर्थिक स्थिति कैसी भी हो।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि "हमारा उद्देश्य है कि कोई भी प्रतिभाशाली छात्र संसाधनों के अभाव में पीछे न रह जाए। यह भत्ता सिर्फ आर्थिक मदद नहीं, बल्कि आत्मविश्वास बढ़ाने का माध्यम भी है।"

छात्रों के लिए यह योजना एक प्रेरणा बन सकती है। ₹6000 की यात्रा सहायता उन विद्यार्थियों के लिए बड़ा सहारा है जो आगे बढ़ना तो चाहते हैं, लेकिन संसाधनों की कमी उन्हें रोक देती है। यूपी सरकार का यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में एक मजबूत और दूरदर्शी पहल है।

यदि आप उत्तर प्रदेश के छात्र हैं और आगे की पढ़ाई, कोचिंग, ट्रेनिंग या परीक्षा में हिस्सा लेने के लिए यात्रा कर रहे हैं, तो इस योजना का लाभ जरूर उठाएं।