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घटनाक्रम का विस्तृत विवरण
घटना मंगलवार सुबह लगभग 8 बजे सिविल लाइन्स स्थित मुख्यमंत्री आवास में साप्ताहिक जन सुनवाई कार्यक्रम के दौरान घटी। हमलावर राजेश भाई खिमजी भाई सकरिया ने एक शिकायतकर्ता के रूप में मुख्यमंत्री के पास पहुंचकर कुछ कागजात दिए और फिर अचानक से हमला कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आरोपी ने पहले मुख्यमंत्री को कुछ दस्तावेज दिए, फिर उन पर चिल्लाया और थप्पड़ मारा। इसके बाद उसने मुख्यमंत्री को धक्का दिया और उनके बालों को पकड़कर खींचने की कोशिश की। सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और हमलावर को काबू में कर लिया।
मुख्यमंत्री गुप्ता के पीछे दीवार होने के कारण वे गिरने से बच गईं, लेकिन इस घटना से वे काफी हिल गईं। तुरंत उन्हें चिकित्सा जांच के लिए ले जाया गया।
हमलावर की पहचान और पृष्ठभूमि
हमलावर की पहचान 41 वर्षीय राजेश भाई खिमजी भाई सकरिया के रूप में हुई है, जो गुजरात के राजकोट का निवासी है। दिल्ली पुलिस के अनुसार, उसके खिलाफ पहले से पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें दो हमले के मामले और तीन आबकारी कानून के तहत मामले शामिल हैं।
पुलिस जांच से पता चला है कि हमले से एक दिन पहले, 19 अगस्त को सकरिया ने मुख्यमंत्री के शालीमार बाग स्थित निजी निवास का दौरा किया था। जब वहां मुख्यमंत्री नहीं मिलीं तो स्टाफ ने उसे जन सुनवाई की जानकारी और सिविल लाइन्स का पता दिया था।
घटना के दिन सुबह लगभग 8 बजे वह ऑटो रिक्शा से मुख्यमंत्री के कार्यालय पहुंचा और एक शिकायतकर्ता के रूप में अंदर प्रवेश किया। उसके पास अपने एक रिश्तेदार की रिहाई के लिए याचिका थी जो जेल में बंद था।
सुरक्षा व्यवस्था में खामियां
यह घटना दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर कमियों को उजागर करती है। एक आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति का मुख्यमंत्री तक पहुंचना और हमला करना सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय है।
जन सुनवाई कार्यक्रम में लोगों को सुबह 7 बजे से प्रवेश दिया जाता है और सुरक्षा जांच के बाद वे मुख्यमंत्री से मिल सकते हैं। हालांकि, इस मामले में सुरक्षा जांच में कमी दिखाई दी।
इंटेलिजेंस ब्यूरो, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और अन्य खुफिया एजेंसियों की संयुक्त टीम इस घटना की जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि वे हमले की वास्तविक मंशा जानने की कोशिश कर रहे हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस घटना के बाद राजनीतिक हलकों में तेज प्रतिक्रियाएं आईं। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेव ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे सुरक्षा में गंभीर चूक बताया।
मुख्यमंत्री गुप्ता ने अपने पहले बयान में इसे "कायरतापूर्ण हमला" करार दिया और कहा कि यह न केवल उन पर हमला था बल्कि दिल्ली की सेवा करने के उनके संकल्प पर भी हमला था। उन्होंने कहा कि ऐसे हमले उनके हौसले को नहीं तोड़ सकते।
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने भी इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने महिला सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि दिल्ली की मुख्यमंत्री सुरक्षित नहीं हैं तो आम महिलाएं कैसे सुरक्षित हो सकती हैं।
न्यायिक कार्रवाई
दिल्ली पुलिस ने हमलावर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 109(1) के तहत हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया है। यह एक गंभीर आरोप है जिसमें कड़ी सजा का प्रावधान है।
पुलिस ने गुजरात पुलिस के साथ समन्वय स्थापित किया है ताकि हमलावर की पूरी पृष्ठभूमि की जांच की जा सके। केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी इस घटना की जानकारी दी गई है।
व्यापक सुरक्षा समीक्षा की आवश्यकता
यह घटना देश की राजधानी में संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों की सुरक्षा व्यवस्था की व्यापक समीक्षा की आवश्यकता को दर्शाती है। जन सुनवाई जैसे कार्यक्रमों में जहां आम जनता का सीधा संपर्क होता है, वहां अधिक सतर्कता की जरूरत है।
सुरक्षा एजेंसियों को ऐसे कार्यक्रमों के लिए बेहतर प्रोटोकॉल विकसित करने होंगे जो जन संपर्क को बनाए रखते हुए सुरक्षा भी सुनिश्चित करें। आधुनिक तकनीक का उपयोग करके बेहतर स्क्रीनिंग प्रक्रिया अपनाई जा सकती है।
यह घटना यह भी दिखाती है कि राज्यों के बीच अपराधियों की जानकारी साझा करने की व्यवस्था को और मजबूत बनाने की जरूरत है। एक राष्ट्रीय डेटाबेस जिसमें सभी राज्यों के अपराधियों की जानकारी हो, ऐसी घटनाओं को रोकने में मदद कर सकता है।
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