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Boeing: दुनिया की सबसे पुरानी एयरोस्पेस कंपनी, हादसों से रहा पुराना नाता
1950-60 के दशक में Boeing ने पायलट और विमानों के बीच पुल बनाने वाले विमान पेश किए: 707, फिर “Baby Boeing” कहा जाने वाला 737 (पहली उड़ान 1967 में हुई) । बाद में 747 “Jumbo Jet” ने अंतर-महादीय यात्राओं को आम बना दिया । 787 Dreamliner के साथ उन्होंने ईंधन दक्षता और आराम में सुधार किया।
प्रमुख हादसे और विवाद
737 MAX संकट (2018‑2019)
Lion Air Flight 610, अक्टूबर 2018: इंडोनेशिया में टेकऑफ के बाद दुर्घटना, 189 की मौत। MCAS सॉफ़्टवेयर और प्रशिक्षण की कमी मुख्य कारण मानी गई ।
Ethiopian Airlines Flight 302, मार्च 2019: मिश्र के छह मिनट बाद क्रैश, 157 लोगों की मौत। Boeing पर डिजाइन दोष और सुरक्षा प्रमाणीकरण में लापरवाही का आरोप लगा ।
परिणामस्वरूप FAA समेत वैश्विक विमानन एजेंसियों ने 737 MAX को लगभग 20 महीने तक ग्राउंड किया ।
अन्य हादसे
जनवरी 2024: Alaska Airlines 737 MAX9 में केबिन पैनल उड़ गया, FAA ने 171 विमान ग्राउंड किए ।
2022‑23 में Dreamliner में समस्याएँ: इंजन फेल, ईंधन लीक जैसी घटनाएँ सामने आईं ।
हालिया Air India 787 क्रैश (जून 2025)
अहमदाबाद टेकऑफ के बाद दोनों इंजनों का थ्रस्ट अचानक समाप्त हुआ।
जांच में पता चला कि फ्यूल कंट्रोल स्विच “RUN” से “CUTOFF” पर चला गया, जिससे मोटर्स बंद हुए ।
FAA की 2018 चेतावनी थी पर अनिवार्य नहीं; DGCA ने अब इसकी जांच अनिवार्य कर दी है ।
Boeing पर संकट का आर्थिक और प्रतिष्ठा पर असर
737 MAX दोहरे क्रैश और ग्राउंडिंग से Boeing को लगभग 21 अरब डॉलर का नुकसान हुआ । बावजूद इसके कंपनी ने 2020 से सॉफ्टवेयर सुधार, पायलट ट्रेनिंग तंत्र में बदलाव, और FAA की निगरानी में प्रक्रिया सुधार किए । 2021 में 2.5 अरब डॉलर जुर्माना देकर Boeing ने FAA धोखाधड़ी से जुड़े आरोप स्वीकार किए ।
आज Boeing ने पुनः 737 MAX को विश्व स्तर पर परिचालन में लाया है और Dreamliner को भी वापस सेवा दे दी है, पर सुरक्षा संस्कृति और निगरानी के सवाल अभी भी लंबित हैं ।
Boeing का सौ साल पुराना सफर उत्कर्ष और विपत्तियों से भरा रहा है। एक ओर उनकी तकनीकी सफलता (707, 737, 747, 787) ने वैश्विक विमानन को आकार दिया, वहीं डिज़ाइन दोष, सुरक्षा प्रक्रियाओं की कमी और नियामकीय लापरवाही ने कंपनी की विश्वसनीयता को चुनौती दी। Lion Air और Ethiopian Airlines दुर्घटनाओं ने Boeing पर भारी राज़गार और सुरक्षा सुधारों का दबाव डाला, और हालिया Air India हादसे ने फिर से वैश्विक निगरानी तंत्र को सख्ती से देखने पर मजबूर कर दिया है। भविष्य में Boeing के लिए यह चुनौती होगी कि वह उत्पादन और जोखिम प्रबंधन में संतुलन बनाए रखे।